Wednesday, September 28, 2016

#Equality - हम सब एक है....

हैं कौन देश का वासी तू,
और क्या तेरी जात है,
हिन्दू है या मुस्लिम है तू,
अरे क्या तेरी पहचान है,
है क्या तू इसी दुनिया का,
या अलग ही तेरा जहान है,
देखा मैंने जहाँ जहाँ 
तू मिल जाता है वहां वहां,
लिए हाथ में खंजर सीने में पत्थर
मन द्वेष आखों में नफ़रत,
है किसकी तुझे तलाश है,
क्यों ये इतना वैर है और 
क्यों ये खून की प्यास है,
क्या भूल गया कि इंसान है तू,
तुझसे ही ये धरती आसमान है,
मिलके बनाते हो तुम ही घरोंदे ,
फिर क्यों उसको खुद ही उजाड़ने के ख्याल है,
नहीं समझ सकता मैं इस सत्ता को,
जहाँ एक हाथ में हथियार दुसरे में गीता कुरान है.

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