एक सच्चे दिल की तलाश है,
है मुख़्तसर लेकिन खास है.
बूंद बूंद से जैसे घड़ा भरता
है,
पल पल दिल उसी तरह मचलता
है.
न जगजाहिर है न राज है,
एक सच्चे दिल की तलाश है.
ऊंचे पर्वत लम्बा रास्ता,
घना अँधेरा और भी बड़ा.
एक सुनहरे सवेरे की आस है,
एक सच्चे दिल की तलाश है.
दुनिया बहुत फरेवी है,
न तेरी न मेरी है है.
बस मरती मिटती लाश है,
एक सच्चे दिल की तलाश है.
रिश्तों की गांठ की गठरी
में,
सब बंधे है एक पटरी में.
न रुक सकती न चलने को राज़ी
ये सांस है
एक सच्चे दिल की तलाश है.
ऊपर मन में सब खुश है,
अन्दर की न जाने कोई.
क्यों फिर भी ये उल्लास है,
एक सच्चे दिल की तलाश है.
है मुख़्तसर लेकिन खास
है....
सोनम राठौर