है कुछ किस्से यादों की लोरी में,
आधे तेरे आधे मेरे,
चलना है साथ बस यू ही,
चाहे सांज हो या सबेरे,
तेरे आंचल के साये में,
संभले है हालात मेरे,
दूर हूँ अभी तो क्या ऐ माँ...
नजरों की दूरी बाँट न सकती प्यार को तेरे......
आधे तेरे आधे मेरे,
चलना है साथ बस यू ही,
चाहे सांज हो या सबेरे,
तेरे आंचल के साये में,
संभले है हालात मेरे,
दूर हूँ अभी तो क्या ऐ माँ...
नजरों की दूरी बाँट न सकती प्यार को तेरे......
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